आज के सामान्य ज्ञान में छत्तीसगढ़ के राष्ट्रीय उद्यान और अभयारण्य के बारे में पढ़े - Read about the National Parks and Sanctuaries of Chhattisgarh in today's General Knowledge.

आज के सामान्य ज्ञान में छत्तीसगढ़ के राष्ट्रीय उद्यान और अभयारण्य के बारे में पढ़े 

छ.ग. में वनों का क्षेत्रफल [59772 (44.21%)]

  • आरक्षित वन – (25,782) (43.13%)
  • संरक्षित वन  – (24,036) (40.22%)
  • अवर्गीकृत वन – (9,954) (16.65%)

देश में सर्वाधिक आवरण वाले शीर्ष 3 राज्य

  1. मध्यप्रदेश – 77, 414वर्ग कि.मी.
  2. अरुणाचल प्रदेश- 66,964 वर्ग कि.मी.
  3. छत्तीसगढ़ – 55,610 वर्ग कि.मी.
  4. ओडिसा – वर्ग कि.मी.
  5. महाराष्ट्र – वर्ग कि.मी.
  • भारत संध में छत्तीसगढ़ वन क्षेत्रफल के आधार पर चौथे स्थान पर है –
  • भारत संघ में छत्तीसगढ़ वनावरण के आधार पर तीसरा स्थान पर है।
  • देश के कुल वन का 12.26 प्रतिशत है।
  • छ.ग. के सरगुजा जिले में सबसे अधिक वन क्षेत्र हैं। (18 जिलों के आधार पर)
  • जांजगीर-चांपा में सबसे कम वन क्षेत्र हैं। (18 जिलों के आधार पर)
  • जशपुर जिले में वनों को ढाच के नाम से जाना जाता है।

वन एवं वन्य जीव 2021-22 

  • झींगुर की नै प्रजाति की खोज:कहाँ – कुर्रा गुफा (लैलूंगा, रायगढ़) .
  •  वर्ग – अरकोनोमिमस सॉस्योर नामकरण “इंडिमिसास जयंती झींगुर” 
  • रहवास – श्रीलंका, मलेशिया एवं ब्राजील के जंगलों में खोजकर्ता प्रोफेसर जयंत विश्वास (प्रदेश के प्रसिद्ध गुफा अन्वेषक) 

विशेष —

  • (1.) इसका नामकरण, गुफा अन्वेषक ‘प्रो. जयंत बिस्वास’ के नाम पर किया गया है।
  • (2.) जयंती की खोज के बाद अरकोनोमिमस जाति अब कुल 12 प्रजातियों के नाम से जाना जाएगी।
  • (3.) इस नई प्रजाति के नर ध्वनि उत्पन्न नहीं कर सकते और इनकी मादाओं के कान नहीं होते।

» जोकर बटरफ्लाई:

  • क्या है?  तितली की एक विशेष प्रजाति
  • वैज्ञानिक नाम – बाइब्लिया इलिथिया 
  • देखी गई – चरोदा (जिला-दुर्ग)| अविनाश मौर्य द्वारा 
  • विशेष + देश में अब तक 8 राज्यों में ही इस प्रजाति को देखा गया था, इसके लिए अनुकूल स्थानों में छत्तीसगढ़ नौवां राज्य है।

» गिधवा-परसदापक्षी महोत्सव 2021 

पक्षी महोत्सव: 2021

  • चर्चा में प्रदेश (मध्य भारत) का पहला पक्षी महोत्सव
  • कहाँ  गिधवा-परसदा (बेमेतरा जिला) 
  • आयोजन 31 जनवरी से 02 फरवरी 2021
  • थीम   हमर चिरई – हमर चिन्हारी

विशेष –

  • (1.) बेमेतरा के गांव गिधवा और परसदा में साइबेरियन, मंगोलियन और बांग्लादेशी 150 से अधिक प्रजातियों के पक्षियों का बसेरा है।
  • (2.) गिधवा नांदघाट में 100 एकड़ में फैले पुराने तालाब के अलावा परसदा में भी 125 एकड़ के जलभराव वाला जलाशय है। यह क्षेत्र प्रवासी पक्षियों का अघोषित अभयारण्य माना जाता है

» हिरण अभ्यारण्य:

  • कहाँ – तपकरा वन परिक्षेत्र, जशपुर जिला
  • प्रस्तावित सतपुरिया पहाड़ी क्षेत्र, फरसाबहार 
  • दावा – हिरण की संख्या के आधार पर यह देश का तीसरा बड़ा हिरण अभ्यारण्य होगा।
  • प्रथम – केदारनाथ सेंचुरी (उत्तराखंड)
  • द्वितीय – महावीर सेंचुरी (गोवा)

» शकरमाउथ कैटफिश (क्रोकोडाइल मछली)

  • कहाँ – भोरमदेव तालाब, कबीरधाम 
  • क्षेत्र अमेजन नदी (दक्षिण अमेरिका) में पायी जाती है। . 
  • विशेष – अजीब मुँह वाली शकरमाउथ कैटफिश मांसाहारी होती है, वह नदी और तालाबों में अपने आसपास की जीव-जंतुओं को खाकर जिंदा रहती है। इसके रहते अन्य मछली पनप नहीं पाते। यह मछली खाने लायक नहीं होती, यह पूरी तरीके से स्वादहीन होतीहै।

» “महाशीर पाई” मछली (टाइगर ऑफ रिवर): 

  • उपनाम टाइगर फिश (शेर प्रजाति की मछली) 
  • वैज्ञानिक नाम Tor putitora 
  • स्थानीय नाम “खुसेरा” मछली 
  • उपस्थिति पश्चिम घाटी व हिमालय में मौजूद जलधाराओं, नर्मदा नदी में . छ.ग. में सिकासार जलाशय, गरियाबंद
  • पालन कबीरधाम जिला (10 गांव का चयन)

 विशेष-

  • मध्यप्रदेश सरकार ने 2011 में इसे राजकीय मछली का दर्जा दिया हुआ है। 
  • चर्चा में – मछली चतुर व बलशाली होती है पर प्रजनन काल में इसकी शक्ति शिथिल हो जाती है। इसी समय आसानी से इनका शिकार किया जाता है। यही वजह है कि इनकी संख्या तेजी से घट रही है।

»  एशिया का दूसरा जंगल सफारी: 

  • प्रस्तावित कबीरधाम जिला
  • Chetra  – 110 एकड़ भूमि 
  • लागत 50 करोड़

विशेष

  • एशिया का सबसे बड़ा जंगल सफारी रायपुर जिले में स्थित है, जो करीब 800 एकड़ में
  • फैली एशिया की सबसे बड़ी मानव निर्मित सफारी है।

» माउस डियर (चित्तीदार मूषक मृग): 

  • क्या है? –चूहे की तरह दिखने वाला दुर्लभ हिरण 
  • प्रजाति – ट्रैगुलस ममिन्ना 
  • संरक्षित अमराबाद टाइगर रिजर्व, तेलंगाना में संरक्षित 
  • चर्चा में हाल ही में यह अबूझमाड़ (ओरछा) के जंगलों में देखा गया। – 

विशेष 

  • (1.) मूषक मृग वर्ष 2016-17 में उदंती अभ्यारण्य नोवा नेचर द्वारा रिकॉर्ड किया गया।
  • (2.) कुछ वर्ष पूर्व ऐसा ही माउस डियर कांगेर घाटी नेशनल पार्क में भी देखा गया था।

» प्रदेश में दो नए टाइगर रिजर्व 

  • प्रस्तावित – गुरुघासीदास नेशनल पार्क (कोरिया) तमोर पिंगला अभ्यारण्य (सूरजपुर)
  • क्षेत्र 2829 वर्ग कि.मी. 

जोन बफर जोन-

 छग टाइगर रिजर्व- वर्तमान में प्रदेश में 03 टाइगर रिजर्व स्थित है।

  1. इंद्रावती टाइगर रिजर्व (बीजापुर) 
  2. अचानकमार टाइगर रिजर्व (बिलासपुर)
  3. उदंती-सीतानदी टाइगर रिजर्व (धमतरी-गरियाबंद) विशेष

भारत में वर्तमान में टाइगर रिजर्व की संख्या है। हाल ही में रामगढ़ विषधारी अभ्यारण्य (राजस्थान) को टाइगर रिजर्व घोषित किया गया।

उद्यान

जैवविविधता -

  •  जापानी तकनीक आधारित जैव विविधता पार्क :
  •  चर्चा में दुर्ग संभाग का पहला जैव विविधता पार्क
  • कहाँ – फूंडा ग्राम, पाटन सुसाशीभूपेशवचरजी कहा कि 
  • क्षेत्र 20 एकड़ क्षेत्र में 
  • पार्क – अरबोरिटम (वनस्पति वाटिका) 
  • परियोजना – 5 वर्षों की (80 लाख रुपए की लागत से) 
  • विकसित मियावाकी तकनीक, जापान
  •  विशेष इसमें 10 गुना तेजी से पौधे बढ़ते हैं और 30 गुना सघन वन तैयार होता है। वनस्पति वाटिका में 100 से ज्यादा प्रजातियों के लगभग 3000 पेड़ लगाए जाएंगे। इसमें मुख्य रूप से हल्दू, मुंडी, साल, साजा, सागौन, खमार, सेमल, कुसुम, हर्रा ,बहेरा, पलाश, कौहा, जाम, पीपल, बरगद, कटहल ,आम ,आंवला सहित अन्य प्रजातियों के पेड़ पौधे लगाए जाएंगे।

» लेमरू एलिफेंट रिजर्व

  • कोर जोन  कोरबा 
  • क्षेत्रफल  1995.48 वर्ग किलोमीटर 
  • वनमंडल क्षेत्र कोरबा, कटघोरा, धरमजयगढ़ एवं सरगुजा वनमंडल क्षेत्र
  • विशेष प्रदेश का पहला हाथी अभ्यारण्य (एलिफेंट रिजर्व) 
  • चर्चा में प्रदेश सरकार एलिफेंट रिजर्व का क्षेत्र कम कर 450 वर्ग किमी किये जाने का प्रस्ताव लाया गया है।

» चिरौंजी:

  • चर्चा में रेड डाटा बुक में शामिल
  • शामिल आदिवासी बहुल क्षेत्र में वन विनाश के कारण इसकी प्रजाति तेजी से विलुप्त हो रही है। 
  • उपयोग मिठाई, हलवा, खीर, लड्डू, पाक और मेवे का स्वाद व शरीर में इम्युनिटी बढ़ाने में बहुउपयोगी। 

विशेष अंतरराष्ट्रीय प्रकृति संरक्षण संघ (आइयूसीएन) ने इस पौधे को रेड डाटा बुक में शामिल कर लिया है। फिलहाल यह लो रिस्क लीस्ट कंसर्नड (कम जोखिम पर चिंताजनक) की श्रेणी में है।

» गिलोय:

  • चर्चा में गिलोय को केंद्र सरकार जल्द ही राष्ट्रीय औषधि घोषित कर सकती है। 
  • गुण एंटीबायोटिक, एंटीएलर्जिक, एंटी डायबिटिक, एंटी इनफ्लेमेटरी व एंटी ऑक्सीडेंट गुण होते हैं।
  • लाभ  इसे शरीर का इम्युन सिस्टम ठीक करने के लिए भी सेवन किया जाता है। 
  • विशेष यह स्वाइन फ्लू, जीका वायरस, डेंगू, मलेरिया, डायबिटीज की बीमारी में काफी कारगर

» बोड़ा:

  • क्या है? एक वनोपज एवं खाद्य पदार्थ
  • प्राप्त सरगी जंगल (कोण्डागांव) 
  • पहली बारिश के बाद साल वनो में वृक्षों के नीचे उगते है।
  •  उपज ₹ 2000 प्रति किलो

»  तेंदपत्ता संग्रहण 2021:

  • पारिश्रमिक दर – ₹4000 प्रति मानक बोरा  
  • संग्रहण – मान लगभग 13 लाख आदिवासी परिवार द्वारा
  • lakshya– 16 लाख 71 हजार मानक बोरा तेंदूपत्ता संग्रहण 
  • उच्च गुणवत्ता तेंदूपत्ता – लेमरू और उड़उड़ा (कोरबा जिला)
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